The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥

शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।

वेद नाम महिमा तव गाई । अकथ अनादि click here भेद नहिं पाई ॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

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